महापुरुष के जीवन की बात
Ravi Pandya
ભારત માતા કી જય .
मैं अपने जीवन में उन लोगों के बारे में बात करना चाहता हूं, जिन्हें मैं आदर्श मानता हूं। वे लोग जिन्होंने खुद को देश के लिए समर्पित करके अपने जीवन का बलिदान किया है। हम उन लोगों को कैसे भूल सकते हैं? मैं ऐसे महापुरुषों के जीवन के बारे में बात करूंगा।
जब हमारे देश पर मुगलों और अंग्रेजों का शासन था। सबसे पहले मुगल आए। फिर अंग्रेज आए। जिस तरह से अंग्रेजों ने देश के लोगों को हर तरह सताया और उन्हें गुलाम बनाया। गुलाम बनाकर लोगो पर अत्याचार करने का काम किया! अत्याचार के खिलाफ कोई खड़ा होना चाहता तो भी उसे जैसे तैसे करके डराया जाता था ! अंग्रेजों भुल रहे थे के जितने लोगों को सताया गये उसका जवाब एक ना एक दिन तो मिलेगा ही!
लोगों में से अवाज उठाना शरू हुआ! एक तरह गाँधी की अहिंसा की लडत तो दुसरी ओर भगतसिंह कि नई क्रांति जो उसी को उसी के भाषा में जवाब दे! विचारधारा अलग थी लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही था कि कैसे भी करके देश को आजाद करना है!
आजादी कि लडाई में बहुत से लोगों ने अपना योगदान दिया! ऐसे कही लोग हैं जिसके बारे हम थोडा भी नहीं जानते हैं ऐसा क्यु? ऐ सोचने पर आपको मजबूर कर देगा , अगर आपकी सोच में कोई विचार नहीं आता है तो थोडा आत्मा से पुछना चाहिए कि! जिन लोगों ने देश के लिए अपना तन, मन ओर अपनी जान को भी दाव पर लगा दिया है ! कम से कम उसकी याद के लिए उनके बारे में जानने के लिए थोडी पुस्तक पढुँगा!
हमारे देश के कई युवा बिना कुछ समझे ओर सोचे बिना गाँधी विचारधारा रखने वाले लोगों को एक तरह से चिडाने का काम करते हैं! लेकिन वो लोग जानते नही है कि आप लोग भगतसिंह को मानते हो पहले भगतसिंह के विचार को पढ लो! भगतसिंह ने कभी भी गाँधी जी के खिलाफ कुछ नहीं बोला था! भगतसिंह भी गाँधी जी बात मानते थे! में सभी लोगों को मानता हूं क्योंकि किसी भी महापुरुष पर बोलने से पहले उसे पढ लेना चाहिए ताकि हमें पता हो कि उन सबको सिर्फ आजादी दिलाने में रस था! ओर किसी भी बातो में नहीं!
में यहा पर इसीलिए लिखना चाहता हूँ ताकि आज के युवा लोग पढने के बाने याद तो करेंगे ! ओर उसे पता चलेंगा कि कितने लोग थे ओर बहुत लोग ऐसे थे जिसके बारे में बहुत कुछ सुनने का भी नहीं मिला है ऐसा क्यु? किसी एक व्यक्ति कि वजह से आजादी नही मिली है! बहुत से लोगों ने आजादी के लिए अपना जीवन दाव पर लगा दिया था!
महापुरुष का पर मे ज्यादा कुछ नहीं लिखुगा लेकिन जितना लिखुगा उसका देश के लिए क्या योगदान था और उसने क्या क्या किया! देश को आजाद करानेवाले महापुरुष को मेरा कोटि कोटि नमन
हमें हमारे देश के महापुरुष को कभी भी नहीं भुलना चाहिए! उस पर एक दो छोटी सी लाईन
जिसने आजादी के लिए अपना,
जिवन खपाया उसे कैसे भुला सकते हैं!
मित्रों, अगले पार्ट में मेरे प्रिय देश के देशहितचिंतक सरदार पर लिखुगा ! अगला पार्ट पढने के लिए मेरे साथ बने रहेना!
जय हिंद